07Apr

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर व्हीआईएसएम हाॅस्पिटल ने लगाया स्वास्थ्य शिविर एवं जय इंस्टीटयूट ने निकाली जागरूकता रैली

विश्व स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य में आज दिनांक 07/04/2023 को व्हीआईएसएम ग्रुप के अन्तर्गत संचालित व्हीआईएसएम हॉस्पिटल ने विशाल निःशुल्क चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया। जिसमें बडी़ संख्या में बीमार, ग्रामवासयों ने विभिन्न जाँचे करवाकर समूचित चिकित्सा प्राप्त की। हॉस्पिटल के वरिष्ठ छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. ए.के. गुप्ता, वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. के.के. गुप्ता, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. गरिमा यादव, नेत्र रोग सहायक आर. के. गुप्ता एवं अस्पताल प्रभारी डॉ. आदित्य भार्गव ने शिविर में स्वास्य परीक्षण किये। शिविर में लगभग 300 मरीजो ने चिकित्सा लाभ प्राप्त किया।

24Mar

व्हीआईएसएम् के नर्सिंग महाविद्यालय में विश्व टीबी डे

व्हीआईएसएम् ग्रुप ऑफ़ स्टडीज के अंतर्गत संचालित जय इंस्टिट्यूट ऑफ़ नर्सिंग एंड रिसर्च में भी आज सारे विश्व के साथ साथ “विश्व टीबी डे” मनाया गया . कार्यक्रम का प्रारम्भ दीप प्रज्वलन एवं माँ सरस्वती के पूजन से हुआ . कार्यक्रम में वक्ता थे  नर्सिंग महाविद्यालय के   प्राध्यापक  डॉ. नीरज बंसल एवं  व्हीआईएसएम्  हॉस्पिटल के डॉक्टर ने अपने उद्बबोधन  में बताया  कि टीबी का यदि समय पर इलाज न कराया जावे तो  वह बीमारी गंभीर रूप  धारण कर सकती है .हमारे देश में हर साल लाखो की संख्या में टीबी के मरीज सामने आते है .

22Feb

व्हीआईएसएम ग्रुप आफ स्ट्डीज में स्व. श्री गुरूबख्श सिंह राठौर जी की 8वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित कर किया याद

व्हीआईएसएम ग्रुप आॅफ स्ट्डीज के चेयरमैन डाॅ. सुनील कुमार सिंह जी के पिताजी स्व. श्री गुरूबख्श सिंह राठौर जी की 8वीं पुण्यतिथि महाविद्यालय में दिनंाक 22 फरवरी को गुरूबख्श सिंह सभागार में मनाई गई। इस मौके पर व्हीआईएसएम ग्रुप की निदेशक डाॅ. प्रज्ञा सिंह ने स्व. श्री गुरूबख्श सिंह जी के जीवन यात्रा पर प्रकाश डालते हुऐ उनके उल्लेखनीय कार्यो को याद किया। उन्होने बताया कि स्व. श्री गुरूबख्श सिंह जी का जन्म सन् 1919 में सनौड़ा ईश्वरी जिला फरूर्खाबाद उ.प्र. में हुआ। गाॅव में दूर-दूर तक शिक्षा व्यवस्था नही थी, उनके अथक प्रयासो से गाॅव में सर्वप्रथम प्राइमरी स्कूल स्थापित किया साथ ही स्वयं की भूमि पर सन् 1972 में जूनियर हाई स्कूल खोला  गया। इसके साथ-साथ उन्होंने गरीब वर्ग व किसानो की मदद की एवं उनके बच्चो को शिक्षा प्रदान कराई। साथ ही डाॅ. प्रज्ञा सिंह ने बताया एक इतिहासकार, शिक्षाविद् एवं समाजसेवी थे। स्व. श्री गुरूबख्श सिंह राठौर जी से प्रेरणा लेकर उनके सपनो को आगे बढ़ाते हुए उनके पुत्र डाॅ. सुनील राठौर ने उन्ही के नाम से सन् 2004 में गुरूबख्श सिंह कल्याण समिति की स्थापना की एवं 2006-07 में व्हीआईएसएम ग्रुप आॅफ स्ट्डीज की स्थापना की जो कि आज अपने उन्नति के पथ पर अग्रसर है। उनके सुपुत्र डाॅ. सनील कुमार सिंह राठौर जी ने एक कदम आगे बढते हुए जन स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्हीआईएसएम हाॅस्पिटल की भी स्थापना की। अंत में संस्थान की चेयरपर्सन श्रीमती सरोज राठौर, ग्रुप निदेशक डाॅ. प्रज्ञा सिंह, सहित समस्त स्टाॅफ व छात्र-छात्राओं ने स्व. श्री गुरूबख्श सिंह जी को श्रद्धासुमन अर्पित किये एवं दो मिनट का मौन धारण किया। 

04Feb

व्हीआईएसएम के नर्सिंग महाविद्यालय में मनाया गया विश्व कैंसर दिवस

आज दिनांक 04 फरवरी को व्हीआईएसएम ग्रुप ऑफ़ स्टडीज के अंतर्गत संचालित  जय  इंस्टिट्यूट ऑफ़ नर्सिंग एंड रिसर्च  एवं व्हीआईएसएम  कॉलेज ऑफ़ प्रोफेशनल स्टडीज के सयुक्त तत्वाधान में  विश्व कैंसर दिवस मनाया गया.  

26Jan

व्हीआईएसएम में मनाया गया गणतंत्र दिवस एवं वसंत पंचमी उत्सव

व्हीआईएसएम ग्रुप ऑफ़ स्टडीज में 74 वा गणतंत्र दिवस समारोह पूर्वक मनाया गया | चेयरपर्सन श्रीमती सरोज राठौर ने राष्ट्र ध्वज फहराया | एनसीसी  कैडेट्स ने आकर्षक परेड कर सलामी दी | गणतंत्र दिवस  के साथ साथ वसंत पंचमी का पर्व भी होने के कारण महाविद्यालय में उत्साह का वातावरण था |

25Jan

व्हीआईएसएम में मनाई गई कै. राजमाता जी की 22वीं पुण्यतिथि

व्हीआईएसएम ग्रुप आॅफ स्ट्डीज़ में आज दिनांक 25/01/2023 को कै. राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी को उनकी 22वी पुण्यतिथि के अवसर पर स्मरण कर भावमय श्रद्धाजंली दी गई। कार्यक्रम श्री अभय चैधरी जिलाध्यक्ष भाजपा के मुख्य आतिथ्य एवं श्री मोहन सिंह राठौर वरिष्ठ भाजपा नेता ने की अध्यक्षता वरिष्ठ भाजपा नेता श्री संतोष सिंकरवार के विशिष्ठ उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। सर्वप्रथम अतिथिगणो ने कै. राजमाता जी के आदमकद तेलचित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धाजंली दी। इस अवसर पर संस्था के चेयरमैन डाॅ. सुनील राठौर ने राजमाता जी को नमन् करते हुए उनके द्वारा शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये गए प्रयासो की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महलो की रानी होने के बावजूद उन्होंने दीन दुखियों के दर्द को समझा एवं उसके निराकरण का सतत् प्रयास किया। उनको मालूम था कि आने वाला समय शिक्षित जनो का समय है इसलिए उन्होंने इस क्षेत्र में महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों की स्थापना की।